क्या है कंपनी के पास विकल्प?
वोडाफोन आइडिया के अनुसार, अगर सरकार ने मदद नहीं की और VIL AGR का बकाया चुकाने में विफल रही तो कंपनी को NCLT (National Company Law Tribunal) की प्रक्रिया में जाना होगा, जो कि एक लंबी प्रक्रिया होगी। NCLT एक ऐसी संस्था है जो कंपनियों के दिवालियापन से जुड़े मामलों को देखती है।कंपनी ने कहा कि ऐसी स्थिति में नेटवर्क और स्पेक्ट्रम जैसी संपत्तियों की कीमत कम हो जाएगी और यहां तक कि थोड़े समय के लिए भी सेवाएं बाधित हो जाएंगी। VIL ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो लगभग 20 करोड़ यूजर्स प्रभावित होंगे और उन्हें दूसरी कंपनियों में जाना होगा। कंपनी का कहना है कि समय पर मदद मिलने से आम जनता और भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।