भोपाल के बाणगंगा में 12 मई को स्कूल बस से डॉक्टर आयशा को कुचलने वाले आरोपी ड्राइवर विशाल बैरागी को पुलिस ने बैरसिया रोड पर स्थित दिल्लौद गांव से गिरफ्तार किया है।
पूछताछ में ड्राइवर विशाल ने बताया कि रविवार रात को करीब 30 बारातियों को बस से लेकर कोलार आया था। यहां शादी अटेंड करने के बाद अगली सुबह यानी सोमवार को बारात लेकर बैरसिया के लिए रवाना हुआ।
पुरानी पीसीसी के पास से पॉलिटेक्निक की ओर जाने वाली सड़क पर पीतल मंदिर के पास घाटी पर बस के ब्रेक फेल हो गए। बेकाबू बस ने कार सहित आठ वाहनों को टक्कर मारी। इसके बाद बस डिवाइडर से टकराने के बाद रुकी। हादसे के बाद सभी बाराती मौके से चले गए।
इसी बीच वह भी बस छोड़कर पैदल हलालपुरा बस स्टैंड तक पहुंचा। यहां से बस से अपने गांव चला गया। उसने पुलिस को यह भी बताया कि लोगों को बचाने के लिए उसने हादसे से पहले काफी आवाजें दीं, लेकिन सिग्नल रेड होने के कारण किसी को हटने का मौका नहीं मिला।
ड्राइवर विशाल के पास कॉमर्शियल लाइसेंस भी नहीं आरोपी विशाल ने पुलिस को बताया कि वह गांव के एक व्यक्ति की प्राइवेट कार को चलाता है। उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी कॉमर्शियल नहीं है। प्रवेश नागर ने प्रदीप पांडे से ये बस खरीदी थी। प्रवेश के पास दो और बसें हैं।
वह गांव में होने वाले आयोजनों के लिए बसों को किराए पर देता है। उस दिन 15 हजार रुपए में प्रवेश ने बैरसिया के एक गांव से कोलार तक बस लाने और ले जाने के लिए किराए पर दी थी।
पुलिस ने स्कूल संचालन समिति को आरोपी बनाया पुलिस ने हादसे के बाद श्रीनंदा एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी को आरोपी बनाया है। इस समिति में सचिव प्रदीप पांडे समेत कुल आठ लोग हैं। सभी की भूमिका की जांच पुलिस कर रही है। जांच में इस बात का खुलासा होता है कि समिति के सभी सदस्यों की सहमति से बस को बेचा गया तो सभी को आरोपी बनाया जाएगा।
वहीं, डीसीपी प्रियंका शुक्ला ने मामले की जांच टीटी नगर पुलिस से लेकर कमला नगर पुलिस को सौंप दी है।
स्कूल ने फर्जी दस्तावेजों से बचने की कोशिश की टीटी नगर थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया ने बताया कि इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की बस से हुए हादसे के बाद जब जांच शुरू हुई तो दस्तावेज खंगाले गए। इस दौरान पाया गया कि दुर्घटना के तुरंत बाद, बैकडेट में दस्तावेज तैयार किए गए।
इसमें प्रवेश नागर को क्रेता और प्रदीप पांडे को विक्रेता दर्शाया गया। यह संभावना है कि दस्तावेजों में दी गई तारीख हादसे के बाद ही बनाई गई है। पुलिस ने इसे दस्तावेजी फर्जीवाड़ा मानते हुए दोनों पर बीएनएस की संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, हादसे के मुख्य आरोपी बस ड्राइवर विशाल बैरागी फिलहाल फरार है।
फिटनेस और बीमा दोनों थे एक्सपायर, RTO सस्पेंड जांच में यह भी सामने आया कि हादसे में शामिल स्कूल बस का फिटनेस नवंबर 2024 में ही खत्म हो चुका था और बीमा भी रिन्यू नहीं था। बस सड़क पर अवैध रूप से दौड़ाई जा रही थी। इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए संभागायुक्त संदीप सिंह ने भोपाल आरटीओ जितेंद्र शर्मा को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया था।