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कटारे बोले-भूपेन्द्र सिंह एमपी के सबसे डरे हुए नेता:भतीजे के अवैध क्रेशर पर हादसे में अब तक कार्रवाई नहीं, मदद करने वाले पर दर्ज कराया केस

Updated on 14-05-2025 12:41 PM

अटेर से कांग्रेस विधायक और मप्र विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने खुरई विधायक और पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह को मप्र का सबसे डरा हुआ नेता बताया है। भोपाल में अपने आवास पर सागर जिले के बारदा निवासी मानस शुक्ला और कांग्रेस नेता अंशुल परिहार के साथ उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

हेमंत कटारे ने कहा कि भूपेन्द्र सिंह के भतीजे लखन सिंह के क्रेशर पर हाइटेंशन लाइन की चपेट में आने से 12 साल के बच्चे का हाथ कट गया था। पांच महीने में नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन ने चार लेटर लिखकर भूपेन्द्र सिंह और लखन सिंह पर कार्रवाई के लिए निर्देश दिए। लेकिन पुलिस और प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।

जिसने मदद में प्रेसवार्ता की, उसपर एफआईआर करा दी हेमंत कटारे ने कहा- 12 साल के मानस शुक्ला का हाथ कट गया। भूपेन्द्र सिंह और उनके परिवार ने उसकी सुध नहीं ली। पुलिस और प्रशासन ने जब उसकी नहीं सुनी तो खुरई के कांग्रेस नेता अंशुल परिहार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मानस की मदद करने की मांग की। भूपेन्द्र सिंह ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से नाराज होकर मदद में प्रेसवार्ता करने वाले अंशुल परिहार और उनके बुजुर्ग पिता पर एफआईआर दर्ज करा दी। हेमंत कटारे ने कहा-

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इससे साबित होता है कि भूपेन्द्र सिंह मप्र के सबसे डरे हुए नेता हैं। जो हमेशा पुलिस के पीछे दुबक जाते हैं। कोई भी संकट आता है तो सामने नहीं आते। सामने आ सकते हैं तो इस परिवार से मिलिए मानस की मदद कीजिए।

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीड़ित बच्चे ने सुनाई अपनी दास्तां

हेमंत कटारे के भोपाल निवास पर पीड़ित मानस शुक्ला ने कहा- मैं ग्राम बारदा का निवासी हूं। एक जनवरी की बात है। मेरे गांव से दो किलोमीटर दूर एक भागवत कथा चल रही थी। उस कथा की एक जनवरी को जल यात्रा में शामिल होने हम 5-6 दोस्त गए थे। हम वापस घर जा रहे थे। रास्ते में भूपेन्द्र सिंह, लखन सिंह की क्रेशर अवैध रूप से चल रही है। उन्होंने अवैध रूप से गिट्‌टी का ढेर लगा रखा है। हम गांव वालों को उस ढेर के ऊपर से जाना पड़ता था। इस वजह से हम जब उस गांव से आ रहे थे तो मुझे रोड़ पार करने के लिए गिट्टी के ढेर पर चढ़ना पड़ा और उस ढेर के ऊपर से निकली हाईटेंशन लाइन से मेरा हाथ टच हो गया। हम वहीं बेहोश हो गए। मेरे साथ जो दोस्त थे वो पापा को बुलाकर लाए। मुझे बीना अस्पताल से मुझे सागर रेफर कर दिया गया। वहां डॉक्टरों ने कह दिया कि बच्चे का हाथ काटना पडे़गा। मेरे सिर पैर से लेकर छाती तक करंट निकल गया। एम्स भोपाल में मेरा हाथ काटा गया। डॉक्टरों ने कहा यदि हाथ नहीं काटेंगे तो आगे जान का खतरा होगा।

मानस ने कहा-पांच महीने हो चुके हैं। इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पूरा पुलिस विभाग उनसे मिला हुआ है। बीना थाने में दो महीने तक मेरी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। मेरे पापा भूखे-प्यासे इधर-उधर घूमते रहे। घर के जेवर और जमीन गिरवी रखकर मेरा इलाज कराया गया। भूपेन्द्र सिंह और लखन सिंह पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई। वे अभी बीना के पास की खुरई से विधायक हैं। इसलिए उन्होंने दबाव डालकर हमारे खुरई के एक भैया अंशुल परिहार पर एफआईआर करा दी। उनपर दबाव डालने के लिए उनके पिता जी पर भी एफआईआर करा दी। मेरी भारत सरकार से यह मांग है कि हमें इंसाफ मिले और उनपर जल्द से कार्रवाई हो।

5 महीने में हमारे परिवार से नहीं मिले भूपेन्द्र सिंह मानस ने कहा- हमारे पापा हर महीने उनके घर गए। पापा को तीन-चार घंटे बिठाकर रखा और कह दिया कि भूपेन्द्र भैया कहीं गए हैं। हमें पूरी तरह गुमराह किया। 5-6 महीने में हमसे और हमारे परिवार से नहीं मिले। उन्होंने हमें एक बार फोन करके हाल तक नहीं पूछा। शायद वो सोचते हैं कि ये एक गरीब परिवार हमारा क्या कर लेगा। उन्होंने दबाव डाला, हमारे पापा की बीना में रिपोर्ट नहीं लिखी गई। वो पावर में होकर हमारे ऊपर राजीनामा करने का दबाव डाल रहे हैं।

कटारे बोले- पीड़ित परिवार से मिलने के बजाय उल्टा प्रेशर बना रहे हेमंत कटारे ने कहा, मानस के साथ जो हुआ उसे जीवन भर एक हाथ के बिना रहना पडे़गा। लेकिन ऐसे समय पर भूपेन्द्र सिंह का कर्तव्य था जाने अनजाने में जो गलती हुई उसके लिए इस परिवार को बुलाकर आपबीती सुनते और उसकी मदद करते। वो तो किया नहीं और उल्टा इनके परिवार के ऊपर राजीनामे का दबाव बना रहे हैं।

मानवाधिकार आयोग की सख्त टिप्पणियों से डरे भूपेन्द्र सिंह भूपेन्द्र सिंह राजीनामे का दबाव इसलिए बना रहे हैं क्योंकि, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने भूपेन्द्र सिंह और उनके भतीजे पर सख्त टिप्पणियां की हैं। मानवाधिकार आयोग ने चार-चार बार पत्र लिखे और 8 अप्रैल को कलेक्टर एसपी को तलब किया गया। लेकिन मुझे नहीं लगता कि किसी तरह का कोई जवाब आयोग को दिया गया होगा। कटारे ने कहा आयोग ने पत्र में लिखा है भूपेन्द्र सिंह और उनके भतीजे लखन सिंह पर कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। मुझे ऐसा लगता है कि खुरई में भारतीय न्याय संहित नहीं भारतीय षडयंत्र संहिता चल रही है। ये न्याय मिल रहा है। मदद में प्रेसवार्ता करने वाले पर करा दी एफआईआर कटारे ने कहा- जब मानस की कहीं सुनवाई नहीं हुई तो कांग्रेस के एक कार्यकर्ता अंशुल परिहार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इनकी मदद करनी चाही। प्रेसवार्ता में मांग की कि भूपेन्द्र सिंह के परिजनों पर कार्रवाई होना चाहिए और अवैध क्रेशर बंद होना चाहिए। मानस का जीवन बर्बाद करने के दोषियों पर कार्रवाई होना चाहिए। लेकिन, कार्रवाई तो नहीं हुई लेकिन, मदद करने वाले अंशुल परिहार पर एफआईआर कर दी गई। एफआईआर इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने भूपेन्द्र सिंह के खिलाफ प्रेसवार्ता कर दी थी। और भूपेन्द्र सिंह के खिलाफ बोल दिया। भूपेन्द्र सिंह कौन सी तोप है जो उनके खिलाफ नहीं बोल सकते। हम तो सौ बार बोलेंगे।

संकट आते ही पुलिस के पीछे दुबक जाते हैं भूपेन्द्र सिंह पुलिस ने अकेले अंशुल पर ही एफआईआर दर्ज नहीं की। बल्कि उनके पिता जी के ऊपर 15 साल पुराने एक प्रकरण में एफआईआर दर्ज कर दी। इससे साबित होता है कि भूपेन्द्र सिंह मप्र के सबसे डरे हुए नेता हैं। जो हमेशा पुलिस के पीछे दुबक जाते हैं। कोई भी संकट आता है तो सामने नहीं आते। सामने आ सकते हैं तो इस परिवार से मिलिए मानस की मदद कीजिए। मैं पुलिस और अफसरों से कह रहा हूं कि आपके ये जो गलत कारनामे हैं इनका दंड आज नहीं तो कल जरूर मिलेगा।

कटारे ने कहा- मैं मांग करता हूं कि भूपेन्द्र सिंह और उनके परिजनों के ऊपर मानवाधिकार आयोग के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए। पुलिस कार्रवाई नहीं करती तो इस मामले को लेकर हम विधानसभा में उठाएंगे।

हम हाईकोर्ट का सहारा लेंगे। हम इस मामले की रिट दायर करेंगे। ऐसा कोई कानून नहीं बना कि आज मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस करूं और कल मेरे खिलाफ गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज हो जाए। मैं अंशुल परिहार और मानस से अनुरोध करूंगा कि वे इस मामले को लेकर न्यायालय में जाएं। मैं उनकी मदद करूंगा।

भूपेन्द्र सिंह का नहीं मिला जवाब भास्कर ने कटारे के आरोपों और पूरे घटनाक्रम पर पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह का पक्ष जानने उनके मोबाइल नंबर 94......1211 पर फोन किया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।



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