भोपाल जिला पंचायत ऑफिस में शुक्रवार को शिक्षा समिति की बैठक हुई। इसमें जिला शिक्षा केंद्र के जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) ओपी शर्मा के निंदा प्रस्ताव की सिर्फ 'नौटंकी' ही हुई। समिति सभापति और सदस्यों ने जांच शुरू होने से पहले ही डीपीसी के रुपए के लेन-देन वाली कॉल रिकॉर्डिंग को लेकर क्लीन चिट दे दी।
शुक्रवार दोपहर 3 बजे बैठक शुरू हुई। इसमें डीपीसी शर्मा के वायरल ऑडियो को लेकर सभापति मोहन सिंह जाट, सदस्य विनय मेहर, विक्रम भालेश्वर, सदस्य प्रतिनिधि अनिल हाड़ा, विनोद राजोरिया नाराज नजर आए। सभापति जाट ने मीटिंग में डीपीसी के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव लाने की बात कहीं। आगे की कार्रवाई शुरू होती, इससे पहले ही डीपीसी ने कहा कि मुझे साजिश का शिकार बनाया जा रहा है। रिकॉर्डिंग पुरानी है। अभी क्यों वायरल की, ये मुझे नहीं पता। जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। इस मामले की जांच की जा रही है। डीपीसी शर्मा ने कुछ दस्तावेज भी दिखाए। इसके बाद सदस्य विक्रम भालेश्वर ने दस्तावेजों के आधार पर ही डीपीसी के निर्दोष होने की बात कह दी। बाद में सभापति और सदस्यों ने डीपीसी को चेतावनी दे दी। फिर निंदा प्रस्ताव नहीं लाया गया।
सभापति ने रिकॉर्डिंग सुनाकर बताई बैठक के दौरान सभापति जाट ने रुपए लेन-देन वाली रिकॉर्डिंग सुनाकर बताई। इसके बाद डीपीसी शर्मा से जवाब चाहा गया। इससे पहले बैठक में विभाग के कई अधिकारी-कर्मचारियों के नहीं आने पर सभापति जाट, सदस्य विनय मेहर ने नाराजगी जताई। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी एनके अहिरवार, डीपीसी ओपी शर्मा समेत जिम्मेदार अधिकारियों को मौजूद रहने को कहा गया था।
प्राइवेट स्कूलों की मान्यता को लेकर सवाल सदस्य विनय मेहर, सदस्य प्रतिनिधि अनिल हाड़ा, विनोद राजोरिया ने जिले में साल 2025-26 के प्राइवेट स्कूलों को दी गई मान्यता को लेकर भी सवाल किया। सदस्य मेहर ने कहा कि मान्यता के लिए रुपए लिए जा रहे हैं। इसके मेरे पास सबूत है। उन्होंने खितवास के हाई स्कूल का एक मामला भी उठाया। सदस्य प्रतिनिधि हाड़ा और राजोरिया ने कई बिंदुओं पर चर्चा की।