कर्मचारियों के विभिन्न संवर्गों में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने के लिए गठित जीपी सिंघल आयोग की रिपोर्ट को लेकर कर्मचारियों में कोतुहल है। वे जानना चाहते हैं कि सिंघल आयोग ने आखिर उनकी विसंगति को लेकर सरकार को क्या अनुशंसा की है। यही मांग मंत्रालय सेवा अधिकारी-कर्मचारी संघ ने उठाई है। संघ जल्द ही इस संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव वीरा राणा को ज्ञापन सौंपेगा।
संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक का कहना है कि अपनी रिपोर्ट में आयोग ने क्या अनुशंसाएं की हैं, ये कर्मचारियों को पता नहीं है। दरअसल, विसंगतियां बहुत हैं और कर्मचारी असमंजस में हैं कि उनकी विसंगति को आयोग ने तरजीह दी है या नहीं। क्योंकि आयोग ने कभी भी कर्मचारी संगठनों से मुलाकात नहीं की है। नायक ने कहा कि जिनकी समस्याओं का समाधान करना था, आयोग ने उनसे मिलना भी मुनासिब नहीं समझा। इसलिए रिपोर्ट सभी कर्मचारी संगठनों को उपलब्ध कराई जाए और उनसे राय ली जाए।
नायक ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर कर्मचारी सुझाव देंगे और उस आधार पर सरकार निर्णय ले। ताकि कर्मचारियों की सभी विसंगतियों का निराकरण हो जाए और फिर कोई नया आयोग गठित करने की जरूरत न पड़े। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं किया तो विसंगतियों का निराकरण नहीं हो सकेगा और हर बार नया आयोग नई विसंगतियों को जन्म देता रहेगा।