केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लंगड़े घोड़े वाले बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। ग्वालियर पहुंचे सिंधिया ने कहा कि किसी को लंगड़ा घोड़ा कहना न केवल अशोभनीय, बल्कि दिव्यांगजनों का घोर अपमान है। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय पैरा स्विमर सत्येंद्र लोहिया भी राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जता चुके हैं।
सिंधिया ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि - मैं उन सभी लोगों को समझाना चाहता हूं जो इस तरह के अपशब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकलांग जैसे शब्द को बदलकर दिव्यांगजन कहा है, जिसका अर्थ है ऐसे लोग जिन पर भगवान का विशेष आशीर्वाद है। हमें ऐसे लोगों को प्रणाम करना चाहिए, उनका सम्मान करना चाहिए। और जो लोग उन्हें नीचा दिखाने वाले शब्दों का प्रयोग करते हैं, उनकी सोच कितनी नीचे जा सकती है, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।
कांग्रेस का तंज...
विदेशों में पढ़ने वालों को हिंदी मुहावरे नहीं आते
कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री मुकेश नायक ने पलटवार करते हुए कहा कि - ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना हिंदी ज्ञान सुधारने की जरूरत है। वे विदेशों में पढ़े हैं, इसलिए हिंदी के मुहावरे और कहावतों को शायद वे ठीक से नहीं समझते हैं। लंगड़ा घोड़ा हिंदी भाषा का प्रचलित मुहावरा है, इसका दिव्यांगता या विकलांगता से कोई संबंध नहीं हैं।
हिंदी साहित्य में अपनी बात को समझाने के लिए मुहावरों का इस्तेमाल होता आया है। राहुल गांधी ने क्षमताओं के आधार पर काम के बंटवारे की बात के संदर्भ में यह बात कही थी। सिंधिया जी को पता होना चाहिए कि दिव्यांग शब्द इंसानों के लिए बनाया गया है। घोड़ों के लिए नहीं।