भोपाल में इंजीनियर से चोर बने अभिलाष विश्वकर्मा और यशवंत रघुवंशी ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। आरोपियों ने चोरी के माल से जमकर ऐश किए हैं। बैंकाक और श्रीलंका के ट्रिप लगाए हैं। पिछले महीने ही आरोपी श्रीलंका से लौटे हैं। लंबा गैप देने के बाद नया टारगेट तलाश कर चोरी करने की प्लानिंग थी। इससे पहले ही आरोपी युवक पुलिस गिरफ्त में आ गए। उनके फरार साथियों की तलाश छिंदवाड़ा, रायसेन और विदिशा में की जा रही है।
आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि बाहर से साथी बुलाकर चोरी कराने के पीछे केवल एक मकसद था। बाहरी होने के नाते साथियों की शिनाख्त मुश्किल होती है। आरोपी बेहद शातिराना अंदाज से चोरी का माल गिरबी रखकर लोन लिया करते थे। उन्होंने पुलिस को बताया कि चोरी का माल लोकल में बेचने पर संदेह के घेरे में आ जाते हैं और पकड़े जाने का रिस्क अधिक होता है।
विदिशा, भोपाल और छिंदवाड़ा से आरोपी गिरफ्तार
सूचना के बाद यशवंत रघुवंशी को विदिशा, भूपेन्द्र साहू को कटारा हिल्स भोपाल और अभिलाष विश्वकर्मा को जिला छिंदवाड़ा से हिरासत में लिया गया। पूछताछ करने पर तीनों ने अन्य राज्यों के अपने साथियों के साथ मिलकर भोपाल में अलग-अलग क्षेत्रों में चोरी करना स्वीकार किया।
चार वारदातों को अंजाम देना स्वीकार किया
आरोपियों ने पूछताछ में थाना कोलार रोड की 3 चोरियां, थाना कटारा हिल्स की 1 चोरी अपने साथियों के साथ करना स्वीकार किया। आरोपियों ने बताया कि हमलोग चोरी किए जेवरात मंडीदीप स्थित मुथूट फायनेंस में जमा कर गोल्ड लोन लेते थे। उस पैसे को रियल स्टेट, शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कर देते थे। आरोपियों ने लोन की रकम से लीगल ढंग से सोने और चांदी के जेवरात की खरीददारी भी की।
जानिए कौन हैं आरोपी और क्या करते हैं
यशवंत रघुवंशी पिता धारु सिंह रघुवंशी (30) निवासी गौरीशंकर आवासीय परिसर कटारा हिल्स भोपाल, स्थायी पता ग्राम जोहद थाना, नटेरन, जिला विदिशा, कम्युटर साइंस से इंजीनियरिंग कर चुका है। चोर गिरोह का सरगना है।भूपेन्द्र साहू पिता सुहाग चंद्र साहू (29) निवासी 307 एआईजी 4 गौरीशंकर आवासीय परिसर कटारा हिल्स भोपाल, स्थायी पता मन 64 वार्ड नं. 15 होली चौक नदी रोड बरेली, जिला रायसेन, भोपाल में रहकर प्राइवेट जॉब करता है। अभिलाष विश्वकर्मा पिता भगवान सिंह विश्वकर्मा (33) निवासी म.न. 239/9बी साकेत नगर भोपाल, स्थायी पता झूलेलाल कॉलोनी हरिपुरा विदिशा क्रांति एग्रो एजेंसी के पास हनुमान मंदिर के पीछे जिला विदिशा कम्प्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग कर चुका है।