बांग्लादेश में रविवार को चीनी दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए चेतावनी जारी की। इसमें बांग्लादेश में रहने वाले चीनी नागरिकों को ऑनलाइन डेटिंग और झूठे शादी के प्रस्तावों से बचने की सलाह दी गई है। बयान में कहा गया है कि शादी के लिए ‘विदेशी पत्नी खरीदने’ की सोचना भी गलत है।
दरअसल, चीन में पुरुषों और महिलाओं का अनुपात में बहुत ज्यादा अंतर है। 2020 की जनगणना के मुताबिक वहां 100 महिलाओं पर लगभग 105 पुरुष हैं। 10-14 आयु वर्ग में यह अनुपात 100 पुरुष प्रति 100 महिला हैं।
इस असमानता की वजह से चीन में कई पुरुषों की शादी नहीं हो पा रही है। कई लोग इस वजह से तस्करों के चक्कर में पड़कर अपना पैसा गंवा रहे हैं। इस ठगी को रोकने के लिए चीन ने यह एडवाइजरी जारी की है।
चीन को विदेशी महिलाओं से जासूसी का भी खतरा
एक्सपर्ट्स के मुताबिक चीन ने यह कदम अपने राजनयिकों और नागरिकों को जासूसी और हनीट्रैप से बचाने के लिए उठाया है। चीन को डर है कि अमेरिका, बांग्लादेश में उसके लोगों को हनीट्रैप कर सकता है।
बांग्लादेश में अमेरिका और चीन अपने-अपने हितों को लेकर आमने-सामने हैं। एक तरफ अमेरिका बांग्लादेश के सैंट मार्टिन द्वीप पर सैन्य ठिकाने बनाने की कोशिशों में जुटा हुआ है।
दूसरी तरफ चीन, बांग्लादेश के साथ मिलकर भारत के सिलिगुड़ी कॉरिडोर के पास एयरस्ट्रिप बना रहा है। इस वजह से चीन को भारत की खुफिया एजेंसियों का डर भी है।
चीन में 5 करोड़ लोगों की शादी कभी नहीं हो पाएगी
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 से 2050 तक चीन में करीब 3 से 5 करोड़ पुरुषों की कभी शादी नहीं हो पाएगी। इस वजह से कई लोग विदेशों से दुल्हन लाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वे तस्करों का सहारा लेते हैं। वे बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, वियतनाम और कंबोडिया जैसे गरीब देशों से महिलाओं और लड़कियों को चीन ले जाते हैं।
तस्कर इन महिलाओं को अच्छी नौकरी, बेहतर जीवन, या शादी का झांसा देकर चीन लाते हैं, लेकिन वहां उन्हें जबरन विवाह या यौन शोषण के लिए बेच दिया जाता है। 2019 की ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार-चीन सीमा पर कम सुरक्षा कर्मियों की वजह से तस्करों को बढ़ावा मिला है।
महिलाओं के कागजात छीन लेते हैं तस्कर
तस्कर खुद को शादी एजेंट या नौकरी दिलाने वाले बताते हैं। वे गांवों और गरीब इलाकों में जाकर लड़कियों को फंसाते हैं। इसके बाद उन्हें चीन ले जाकर बेच देते हैं। चीन के बहुत से पुरुष जो किसान या मजदूर होते हैं, वे अकेले होते हैं और दुल्हन पाने के लिए इन तस्करों के संपर्क में आते हैं।
इन महिलाओं को 5,000 से 20,000 डॉलर में बेच दिया जाता है। ये सौदे ‘शादी’ के नाम पर होते हैं, लेकिन उनमें असली सहमति नहीं होती।
चीन पहुंचने के बाद इन महिलाओं के कागजात छीन लिए जाते हैं। उन्हें 5 से 20 हजार डॉलर (4 लाख से 20 लाख रुपए) में बेच दिया जाता है। इसके बाद महिलाओं को चीन के किसी दूर के गांव में भेज दिया जाता है।
वहां उनकी शादी कर दी जाती है। कई बार उनके साथ बलात्कार होता है। उनपर जबरन बच्चे पैदा करने का दबाव भी होता है। अगर ये महिलाएं भागने की कोशिश करें, तो चीनी पुलिस उन्हें गैरकानूनी प्रवासी मानकर सजा देती है।
म्यांमार में 'हमें एक बच्चा दो, और हम तुम्हें जाने देंगे: काचिन दुल्हनों की तस्करी' शीर्षक वाली 112 पन्नों की रिपोर्ट में तस्करी के धंधे से बच निकली 37 महिलाओं की दर्दनाक गवाही के साथ-साथ पीड़ितों के कई परिवारों के बयान भी सामने आए हैं।