दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप का 9वां टेस्ट कामयाब नहीं हो पाया। लॉन्चिंग के करीब 30 मिनट बाद स्टारशिप ने कंट्रोल खो दिया, जिस कारण पृथ्वी के वातावरण में एंटर करने पर ये नष्ट हो गया। ये लगातार तीसरी बार है जब स्टारशिप आसमान में ही नष्ट हुआ है।
हालांकि, बूस्टर ने अमेरिका की खाड़ी में हार्ड लैंडिंग की। लैंडिंग बर्न के दौरान एक सेंटर इंजन को जानबूझकर बंद किया गया, ताकि बैकअप इंजन की क्षमता का परीक्षण किया जा सके। इस टेस्ट में पहली बार 7वें टेस्ट में इस्तेमाल किए गए बूस्टर का दोबारा उपयोग किया गया है।
स्टारशिप को भारतीय समय के अनुसार आज यानी, 28 मई को सुबह करीब 5 बजे टैक्सास के बोका चिका से लॉन्च किया गया था। स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट (ऊपरी हिस्सा) और सुपर हैवी बूस्टर (निचला हिस्सा) को कलेक्टिवली 'स्टारशिप' कहा जाता है।
दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने इस रॉकेट को बनाया है। इस व्हीकल की ऊंचाई 403 फीट है। ये पूरी तरह से रीयूजेबल है।
रिसाव के कारण मेन टैंक प्रेशर में कमी आई
इस टेस्ट के बाद इलॉन मस्क ने कहा- स्टारशिप निर्धारित शिप इंजन कटऑफ तक पहुंच गया, इसलिए पिछली उड़ान की तुलना में बहुत सुधार हुआ है।
रिसाव के कारण कोस्ट और री-एंट्री फेज के दौरान मेन टैंक प्रेशर में कमी आई। अब अगले तीन लॉन्च काफी तेजी से होंगे। लगभग हर 3 से 4 हफ्ते में लॉन्च होगा।
मिशन का उद्देश्य: कमियों को दूर करना और जरूरी एक्सपेरिमेंट
स्टारशिप के ऊपरी हिस्से की हिंद महासागर में कंट्रोल्ड वॉटर-लैंडिंग कराई जानी थी जो नहीं हो सकी। इसके अलावा पेलोड डिप्लॉयमेंट और अंतरिक्ष में रहते हुए एक रैप्टर इंजन चालू करने जैसे एक्सपेरिमेंट भी नहीं हो सके।
बूस्टर के लैंडिंग बर्न के दौरान एक खास इंजन कॉन्फिगरेशन का प्रदर्शन किया गया। लैंडिंग के अंतिम चरण में तीन सेंटर इंजनों में से एक को जानबूझकर बंद किया गया ताकि यह जांचा जा सके कि मिडिल रिंग का बैकअप इंजन लैंडिंग को पूरा कर सकता है या नहीं।
बूस्टर ने केवल दो सेंटर इंजनों पर स्विच किया। लैंडिंग बर्न के अंत में, जब ये गल्फ ऑफ अमेरिका के ऊपर था, तो इंजन बंद कर दिए गए। इसके बाद बूस्टर ने पानी में हार्ड लैंडिंग की।