पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने को पीएम मोदी को इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का सस्ता वर्जन बताया है।
संयुक्त राष्ट्र (UN) में बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भुट्टो ने कहा-
मोदी खुद को इजराइली पीएम जैसा बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे उनके आसपास भी नहीं हैं। हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वह खराब उदाहरणों से प्रेरित न हो।
भारत ने बिलावल के बयान की कड़ी निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान नए निचले स्तर पर पहुंच चुका है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भुट्टो को अपनी हताशा का गुस्सा पाकिस्तान में आतंकवाद के सरगनाओं पर निकालना चाहिए, जो आतंकवाद को देश की नीति का हिस्सा बनाए हुए हैं।
वहीं, शशि थरूर के नेतृत्व वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि एक युवा पाकिस्तानी नेता अमेरिका में उन लोगों का बचाव कर रहा है जो उसकी मां की हत्या के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
भुट्टो ने कहा- हम सिंधु घाटी सभ्यता के उत्तराधिकारी
भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान अपनी महान सभ्यता विरासत पर गर्व करता है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेता ने टिप्पणी की, "हम सिंधु घाटी सभ्यता के उत्तराधिकारी हैं। मोहनजोदड़ो मेरे निर्वाचन क्षेत्र से बस कुछ ही दूरी पर है।"
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने मोदी पर निशाना साधा हो। 2022 में संयुक्त राष्ट्र में बोलते हुए तत्कालीन पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा था कि ‘वह RSS, BJP या पीएम मोदी से नहीं डरते।’
बिलावल के झूठ को पत्रकार ने पकड़ा, कहा- भारत के ब्रीफिंग में मुस्लिम शामिल
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र (UN) मुख्यालय में 3 जून की देर रात बिलावल ने आरोप लगाया कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले को भारत सरकार राजनीतिक मकसद से इस्तेमाल कर रही है ताकि भारत के मुसलमानों को बदनाम किया जा सके।
पाकिस्तानी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी के इस झूठ को एक पत्रकार ने मौके पर ही पकड़ लिया था। पत्रकार ने कहा कि, आप कह रहे हैं कि हालिया आतंकी हमले का इस्तेमाल भारत में मुस्लिमों को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है, लेकिन मैंने खुद भारतीय सेना की ब्रीफिंग देखी हैं, और उसमें मुस्लिम अधिकारी ही शामिल थे।
दरअसल, भारत की तरफ से दो महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी प्रेस ब्रीफिंग कर रही थीं।
बिलावल बोले- पाकिस्तान शांति चाहता है
UN में बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि पाकिस्तान भारत के साथ शांति चाहता है, लेकिन यह शर्तों के साथ नहीं हो सकती।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि भारत ने कश्मीर के पहलगाम में हुई एक घटना के लिए बिना किसी जांच या सबूत के पाकिस्तान को दोषी ठहराया, जबकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ़ ने इस घटना की जांच में मदद की पेशकश की थी।
बिलावल भुट्टो ने आरोप लगाया कि भारत ने सीमा पार कर के निर्दोष लोगों को निशाना बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान हर तरह के आतंकवाद की निंदा करता है और इस लड़ाई में उसने बहुत भारी कीमत चुकाई है।
उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव पर चिंता जताई और कहा कि दोनों देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं, इसलिए हालात काफी गंभीर हो सकते थे।
भारत की तरह पाकिस्तान ने भी विदेश में डेलिगेशन भेजा
पाकिस्तान ने भी भारत की तरह विदेशों में अपनी बात रखने के लिए डेलिगेशन भेजा है। इस प्रतिनिधिमंडल में कुल 9 सदस्य शामिल हैं।
इसकी अध्यक्षता पूर्व विदेश मंत्री और पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी कर रहे हैं।यह प्रतिनिधिमंडल न्यूयॉर्क, वाशिंगटन डीसी, लंदन और ब्रुसेल्स का दौरा करेगा।
इस डेलिगेशन में जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. मुसद्दिक मलिक, पूर्व सूचना मंत्री शेरी रहमान, विदेश मामलों की संसदीय समिति की अध्यक्ष हिना रब्बानी खार, पूर्व रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान शामिल हैं।
इनके अलावा समुद्री मामलों के पूर्व मंत्री सैयद फैसल अली सबजवारी, सीनेटर बुशरा अंजुम बट पूर्व विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी और तहमीना जंजुआ को भी इस प्रतिनिधिमंडल में रखा गया है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष सहायक सैयद तारिक फातिमी की अगुवाई में एक अलग प्रतिनिधिमंडल रूस पहुंचा है।