मोहन कैबिनेट आज प्रदेश के कर्मचारियों, अधिकारियों के लिए तबादले पर प्रतिबंध हटाने का फैसला लेगी। इसके बाद एक मई से कर्मचारियों के तबादले किए जा सकेंगे। दोपहर बाद होने वाली कैबिनेट बैठक में मंत्रिमंडल के सदस्यों के सहमति से नई तबादला नीति को मंजूरी दी जाएगी। इसमें विभागीय मंत्रियों और प्रभारी मंत्रियों को तबादले के अधिकार दिए जाएंगे। इसके साथ ही कैबिनेट बैठक में सोलर एनर्जी प्लांट लगाए जाने का भी प्रस्ताव आएगा जिससे जनरेट होने वाली बिजली उत्तर प्रदेश को भी मिलेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पिछली कैबिनेट बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग को निर्देश दिए थे कि आज होने वाली कैबिनेट में तबादला नीति का प्रस्ताव लाया जाए। आज कैबिनेट में नई तबादला नीति पर चर्चा के बाद उसे मंजूरी दी जाएगी। इस नीति में जिले के भीतर प्रभारी मंत्री को तबादले के अधिकार रहेंगे। पति-पत्नी को एक स्थान पर पदस्थ करने से लेकर गंभीर बीमारी के प्रकरणों में तबादले प्राथमिकता के आधार पर किए जाएंगे।
एक जिले से दूसरे जिले में पोस्टिंग के लिए विभागीय मंत्रियों को अधिकार दिए जाएंगे। तबादले प्रशासनिक और स्वैच्छिक आधार पर हो सकेंगे। मुख्यमंत्री समन्वय के माध्यम से हुए तबादले उसी स्थिति में बदले जाएंगे जब मुख्यमंत्री समन्वय से अनुमति ली गई हो। जिन अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार या पद के दुरुपयोग के मामले हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर स्थानांतरित किया जाएगा।
तीन वर्ष से एक स्थान पर पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी हटाए जाएंगे। जिले के भीतर तबादले की सूची कलेक्टर जनप्रतिनिधियों से चर्चा के बाद तैयार करेंगे और उसे प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से लागू किया जाएगा। यदि कोई संवर्ग 200 कर्मचारियों का है तो वहां 20 प्रतिशत, 2000 तक के संवर्ग में 10 प्रतिशत और इससे अधिक संवर्ग है तो वहां अधिकतम आठ प्रतिशत तक तबादले किए जा सकेंगे।
सौर ऊर्जा प्लांट लगाने पर भी चर्चा