दिल्ली में AAP नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, दिल्ली के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ कक्षाओं के निर्माण में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है। एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) की जांच में पता चला है कि AAP के कार्यकाल के दौरान 12,748 कक्षाओं/भवनों के निर्माण में 2,000 करोड़ रुपए का भारी घोटाला हुआ था।
कक्षाओं/भवनों के निर्माण की लागत में काफी वृद्धि दर्शाई गई थी। इसके अलावा निर्धारित अवधि के भीतर एक भी काम पूरा नहीं हुआ था। निर्माण कार्य के लिए कंसलटेंट और आर्किटेक्ट की नियुक्ति भी मनमाने ढंग से की गई थी। इन्हीं के जरिए निर्माण की लागत बढ़ाई गई। ACB ने इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 17-A के तहत अनुमति मिलने के बाद FIR दर्ज की है।
ठेका भी पार्टी के ही 34 ठेकेदारों को दिया गया
5 लाख वाले क्लासरूम की कीमत 24.86 लाख रुपए तक पहुंचाई
ACB की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक क्लासरूम का निर्माण 5 लाख रुपए में हो सकता था, लेकिन यह लागत 24.86 लाख रुपए प्रति क्लास तक पहुंचा दी गई। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि SPS निर्माण की लागत 2292 रुपए प्रति वर्ग फीट तक दर्शाई गई, जो कि पक्के स्कूल भवनों की लागत 2044 से 2416 प्रति वर्ग फीट के लगभग बराबर है। AAP नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना, विधायक कपिल मिश्रा और नीलकंठ बक्शी ने दर्ज कराई थी।
मनोज तिवारी ने लगाया था वित्तीय अनियमितताओं का आरोप
बता दें कि भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी 2019 में जोन 23, 24 और 28 के सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण में करप्शन का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। बीजेपी सांसद ने अपनी शिकायत में कहा था कि सरकार ने एक क्लासरूम में 28 लाख रुपए खर्च किए, जबकि एक क्लासरूम के निर्माण में 5 लाख रुपए ही लगते हैं।
बिना टेंडर कैसे बढ़ी लागत
इस मामले में बिना नए टेंडर के कुल 326.25 करोड़ की लागत बढ़ाई गई, जिनमें 205.45 करोड़ सिर्फ 'रिचर स्पेसिफिकेशन' के कारण खर्च हुए। इस मामले में ACB ने व्यापक जांच शुरू कर दी है, जिससे पूरे घोटाले की सच्चाई सामने लाकर दोषियों की भूमिका तय की जा सके। ACB प्रमुख मधुर वर्मा ने कहा कि जांच में अज्ञात सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
ACB की जांच में खुलासा हुआ है कि क्लासरूम्स को Semi-Permanent Structure (SPS) रूप में बनाया गया, जिसकी उम्र 30 साल होती है, लेकिन इसकी लागत RCC (Pucca) क्लासरूम्स के बराबर दिखाई गई, जिसकी उम्र 75 साल होती है। परियोजना का ठेका 34 ठेकेदारों को दिया गया, जिनमें से ज्यादातर AAP पार्टी से जुड़े हुए थे।