ऑपरेशन राइजिंग लॉयन: इजरायल ने ईरान पर सबसे बड़े हमले का क्यों यही रखा नाम, जानें बाइबिल से कनेक्शन
Updated on
14-06-2025 02:17 PM
यरुशलम: इजरायल ने 12-13 जून की रात ईरान पर सबसे बड़े हवाई हमले में शिया इस्लामिक देश को करारा झटका दिया है। इजरायल का हमला तेहरान के लिए एक अपमान की तरह था। इजरायल का हमला इतना सटीक था कि पहले ही दिन उसने ईरान के शीर्ष सैन्य नेतृत्व और परमाणु कार्यक्रम को चलाने वाले प्रमुख व्यक्तियों को खत्म कर दिया। इस हमले के साथ इजरायल ने साबित कर दिया कि वह मध्य पूर्व की खतरनाक किलर मशीन यूं ही नहीं है। इजरायली सेना (IDF) ईरान के खिलाफ अपने हमले को 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' नाम दिया है। आइए जानते हैं कि यह कैसे यहूदियों के पवित्र ग्रंथ बाइबिल से जुड़ा है और इसके मायने क्या हैं?
नेतन्याहू ने वेस्टर्न वॉल में रखा नोट
इजरायली सेना ने बताया कि गुरुवार और शुक्रवार की रात शुरू किए गए ऑपरेशन में ईरान के परमाणु और सैन्य संपत्तियों को निशाना बनाया था। इस हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के कमांडर और ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ की मौत हो गई थी। हमला शुरू होने से कुछ घंटे पहले इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यरुशलम में यहूदियों के लिए पवित्र मानी जाने वाली पश्चिमी दीवार (वेस्टर्न वॉल) के पत्थरों के बीच एक नोट रखा था। इस पर ऑपरेशन के बारे में प्रेरणा देने वाला एक वाक्य लिखा था- देखो, लोग एक महान शेर के रूप में उठेंगे और खुद को एक युवा शेर के रूप में ऊपर उठाएंगे।
बाइबिल में है कहानी
इजरायली मीडिया आउटलेट वाईनेट की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू ने जो नोट दीवार में रखा है, उसमें लिखी लाइन को बुक ऑफ नंबर्स के अध्याय 23 और श्लोक 24 से लिया गया है। यह ब्योर के बेटे बालाम द्वारा की गई बाइबिल की भविष्यवाणी का हिस्सा है। टोरा नामक कहानी में जब मोआबी का राजा बालाक मिस्र से पलायन के बाद जंगल में यात्रा कर रहे इजरायलियों को देखा तो वह डर गया। उसने बालाम (एक भविष्यवक्ता) को उन्हें श्राप देने के लिए बुलाया। बालाम श्राप देता इससे पहले ही ईश्वर ने उसे चेतावनी दी कि वह इजरायलियों के खिलाफ न बोले, क्योंकि वे धन्य लोग हैं।
इजरायलियों को शाप की जगह मिला आशीर्वाद
बाइबिल की कथा के अनुसार, बालाम को इस शर्त पर जाने की अनुमति मिली कि वह केवल वही शब्द होले जो परमेश्वर ने उसके मुंह में डाले थे। बालाक के पास जाते समय बालाम को एक स्वर्गदूत मिला, जो शुरू में अदृश्य था लेकिन बाद में प्रकट हुआ। बालाक ने बार-बार कोशिश की बालाम इजरायलियों को श्राप दे लेकिन हर बार उसने उन्हें आशीर्वाद दिया। इनमें से एक वाक्य था- देखो, लोग एक बड़े शेर की तरह उठेंगे और एक जवान शेर की तरह खुद को ऊपर उठाएंगे। वह तब तक नहीं सोएगा, जब तक वह शिकार को न खा ले और मारे गए लोगों को खून न पी ले।
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